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जीवन की अभिव्यक्तियाँ: अबू अल- 'अला ’अल-मार्री (वीगन) द्वारा कविता संग्रह, दो भाग शृंखला का भाग १

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“अन्यायपूर्वक मछली मत खाओ जिसे पानी छोड़ दिया है, और मारे गए जानवर के माँस की भोजन के रूप में इच्छा मत करो... क्योंकि अन्याय अपराधों में सबसे बुरा है।”