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दर्शकों के दिल की बात — गर्भपात शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाता है

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प्रिय गुरुवर, मैं गर्भपात के बारे में आपकी बुद्धिमान अंतर्दृष्टि और सलाह की बहुत सराहना करती हूं, जिस तरह यह सुप्रीम मास्टर टीवी पर हाल ही में प्रसारित किया गया था। गर्भपात किए गए बच्चे सच में दयनीय हैं, जो जन्म से पहले त्यागे जाते हैं। यह सोचकर मैं बिस्तर पर करवटें बदलती रही, और सो नहीं सकी। मैं मेरे आस-पास हुए गर्भपात के परिणाम के बारे में दो वास्तविक कहानियां साझा करना चाहूंगी।

एक पांच महीने की गर्भवती सहकर्मी ने गर्भपात कराने का फैसला किया था क्योंकि वह बेटे चाहती थीं। ऑपरेशन से लौटने के बाद, वह बैठी और रोती हुई कहने लगी, "वह बच्चा पहले ही एक मानव रूप ले चुका था, लेकिन फिर वह केवल बेजान अंग बन गया - छोटे हाथ और पैरों के साथ। मुझे बहुत अफ़सोस है कि मैंने कुछ महीने और इंतज़ार नहीं किया और उसे जीने नहीं दिया!"

दूसरी कहानी एक एक महिला की है, जिसके गर्भावस्था के दूसरे महीने में गर्भपात हुआ था। उसके बाद के वर्षों तक, वह अक्सर अपने सपनों में उस बच्चे को रोते हुए सुनती थी, "माँ, आपने मुझे क्यों नहीं चाहा?"। गर्भपात के कारण, उनके डॉक्टर ने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि वह फिर से गर्भ धारण नहीं कर पाएंगी।

गर्भपात शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाता है। यह कोई व्यक्तिगत निर्णय नहीं है। छोटे पैमाने पर, यह शरीर को चोट पहुँचाता है, लेकिन बड़े पैमाने पर, यह पूरे समाज और देश को नुकसान पहुँचाता है क्योंकि गर्भ में रहा वह बच्चा एक संत, बोधिसत्व या महान आविष्कारक हो सकता है। गर्भपात का वैधीकरण एक भीषण आपदा है। एक पुरानी कहावत है कि "एक क्रूर बाघ भी अपने शावकों को नहीं खाता।" अगर इंसान अपने ही बच्चों को चोट पहुँचाने की हिम्मत करते हैं, तो वे और क्या नहीं कर सकते? खुद को उनके स्थान पर रख कर देखें। यदि वह बच्चा आप होते, तो क्या आप गर्भपात में मरना पसंद करते?

मैं सच में सभी से बिनती करती हूं ऐसी किसी भी निर्णय लेने से पहले परिणामों के बारे में तीन या अधिक बार सोचें। गर्भपात हमेशा एक गलती है, क्योंकि यह जान लेता है। हमारी माताओं ने हमें अपने गर्भ में नौ महीने रखने के बाद हमारे माता-पिताओं ने कई बलिदानें दिए हैं और हमारा पालन-पोषण किया है। क्योंकि एक बच्चा हमारे शरीर के जरिए इस दुनिया में आना चाहता है, कृपया हम उन्हें एक मौका दें। अगर हम उनका पालन-पोषण नहीं करना चाहते, तो हम उन्हें ऐसे कई लोगों को दे सकते हैं जिनका बच्चा नहीं हो सकता, एक ऐसे समय में जब आबादी घट रही हो। हम तन, मन और आत्मा में अधिक सुखी और शांति से रह पाएंगे।

अगर हमारे आस-पास कोई गर्भपात पर विचार कर रहे हों, तो आइए हम उन्हें इस बारे में सच्चाई बताएं कि यह शरीर, मन और आत्मा को कैसे भारी नुकसान पहुंचाती है। हमारे सुझाव और प्रोत्साहन एक बच्चे की जन्म को मुमकिन बना सकता है और इस प्रकार दुनिया के हत्या कर्म को कम कर सकते हैं।

मैं दिल से गुरुवर को धन्यवाद देती हूं, क्योंकि आप हमेशा न्याय के पक्ष में बोलते हैं। ऐसे समय में जब हर कोई प्रभावित होने की चपेट में हो, हम आपके ज्ञान के शब्दों के साथ-साथ आपकी प्रेममयी और आत्मज्ञानी अंतर्दृष्टि के लिए आभारी हैं जो हमें सच्चाई को समझने में मदद करती है। मुझे विश्वास है कि आपके शब्द दुनिया को बेहतर के लिए बदल देंगे और अधिक से अधिक लोगों को जगाएंगे। सुप्रीम मास्टर टीवी टीम के सभी संतों को भी मेरा धन्यवाद, दुनिया के कोने-कोने में सच्चाई फैलाने में आपकी मदद के लिए। आइए हम एक शाकाहारी दुनिया के तत्काल आगमन के लिए प्रार्थना करें, ताकि यह ग्रह उज्जवल हो जाए। आपकी प्रिय शिष्य, चीन से यू-निंग

करुणामय यू-निंग, हम आपको धन्यवाद देते हैं आपके हृदयस्पर्शी संदेश के लिए जिसकी हम प्रार्थना करते हैं कि यह उन तक पहुंचे जिसे इस प्रेमपूर्ण सचाई की जरूरत हो।

सुप्रीम मास्टर चिंग हाई जी इस तरह दया से प्रतिक्रिया देते हैं: "बुद्धिमान यू-निंग, आप सही हैं, हमें सभी जीवित प्राणियों में ईश्वर की चिंगारी को संजोके रखना चाहिए, जन्म से पहले और बाद में। गर्भपात को तुरंत दुनिया भर में गैरकानूनी घोषित कर दिया जाना चाहिए और उन महिलाओं का समर्थन करने की सिस्टम स्थापित किया जाना चाहिए जो अपने अनमोल नवजात शिशुओं को रखना चाहते हैं या गोद लेने के लिए अपने बच्चे देना चाहते हैं, और इन शिशुओं को कई उन जोड़ों से मिलाना चाहिए जो अपने परिवार में एक नए बच्चे को प्यार से लाने की इंतजार में हैं। मैं आपको एक बड़ा आलिंगन भेजती हूं, और बुद्ध का महान प्रेम आपको और शांतिप्रिय चीनी लोगों को आशीर्वाद दें।"